THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR हिंदी कहानियां

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hindi kahani

महात्मा जी ने शांत भाव से फरमाया- तुम दोनों ही इस भूमि को अपना कहते हो और अपने अपने पक्ष में दलीले देते हो.

उसने इस राजा तथा मंत्रियों की चतुराई जानने के लिए दों घोड़ियाँ भेजी और पुछवाया कि इनमें माँ कौनसी हैं और बेटी कौनसी हैं.

उन्होंने मन ही मन विचार किया ये दोनों लड़ाई झगड़ा करके व्यर्थ में ही अपने प्राण ग्वानें पर तुले हुए हैं.

समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ

उससे ही यह पूछ हो कि उनका असली मालिक तुम दोनों में से कौन हैं? वह स्वयं ही इस बात का निर्णय कर देगी.

उसकी सांस् फुल गयी लेकिन उसने हार नही मानी.

उस ज्वार के खेत का मालिक बेहद लोभी लालची किस्म का व्यक्ति था.

दोनों भाई इस बात पर राजी हो गये. तब महात्मा जी बोलर- मुझे बहुत जोरों की भूख लगी हैं पहले मुझे भोजन कराओं.

क्यों न भासुरक को उनके वन में दुसरे सिंह के नाम से उसकी परछाई दिखाकर इस कुई में गिरा दिया जाए, यही उपाय सोचता-सोचता वह भासुरक सिंह के पास पंहुचा, सिंह उस समय भूख प्यास से व्याकुल होता हुआ,

में तो किसी तरह से उससे जान छुड़ाकर आपके पास आया हु, महाराज !

यह थी इनकी विशेषता. इन्होने बुद्धि से काम लिया, सूझ बुझ दिखाई.

हंसो हंसाओ,,,,लाइफ बनाओ अनिल कुमार लववंशी "पा ग ल"

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जब वे सब वहां एकत्रित हुए तो उस समय यह मंत्रीराजा पलंग पर महल के विशाल एवं सज्जित कक्ष में लेटे हुए थे.

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